Friday, February 12, 2010

धुंद होते शब्द सारे




धुंद  होते  शब्द  सारे  धुंद  होत्या  भावना  - २
वा-या संगे  वाहता त्या  फुला  पाशी  थांबना
धुंद  होते शब्द  सारे  धुंद  होत्या  भावना
वा-या संगे वाहता त्या फुला  पाशी  थांबना
सय्ये ... रमुनी  सा-या या जगात रिक्त भाव असे परी
कैसे  गुंफू  गीत  हे  धुंद  होते  शब्द  सारे
मेघ दाटुनी  गंध  लहरूनी  बरसला  मल्हार  हा  - 2
चांद राती  भाव  गुंतुनी  बहरला  निशिगंध  हा
का  कळेना  काय  झाले  भास  कि  आभास  सारे
जीवनाचा  गंध हा विश्रांत हा  शांत  हा
धुंद  होते  शब्द  सारे  धुंद  होते  भाव सारे
सय्ये ... रमुनी  सा-या या जगात रिक्त भाव असे परी
कैसे  गुंफू  गीत  हे  धुंद  होते  शब्द  सारे
धुंद  होते  शब्द  सारे  धुंद  होत्या  भावना
वा-या संगे  वाहता त्या  फुला  पाशी  थांबना
धुंद  होते  शब्द  सारे

गीत : कौस्तुभ सावरकर
स्वर : बेला शेंडे, रवींद्र बिजूर
संगीत : अमर्त्य राहूत
चित्रपट : उत्तरायण

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